इस पुस्तक में विश्व में किसी भी स्थान का दिनमान, रात्रिमान, सूर्योदय, सूर्यास्त निकालने की विस्तृत विधियाँ उदाहरण देकर स्पष्ट की गयी है जो सामान्य पंचांग का ज्ञान रखते है वे सभी इस पुस्तक से विश्व में किसी भी स्थान का लग्न साधन, दशम भाव साधन, भाव साधन, प्रथम षष्ठांश, द्वितीय षष्ठांश आदि का विस्तृत विवरण दिया गया है | भाव स्पष्ट में एक चौथाई मेहनत से ही भाव साधन कर सकते, इसकी विधि पुस्तक में दी गयी है |
I want above book
ReplyDeleteI want this book. Kindly share your contact details
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteI need this book
ReplyDeletelagna sarini sayan kyon banai gayi hai. Ayanansh badalane ke sath hi badal jayegi.
ReplyDeleteयह किताब कहाँ मिलेगी पता लिखें
ReplyDeleteSir ye book kese milegi
ReplyDelete